HTML पोस्टक्या आप जानते हैं कि मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग कौन सा है?
नमस्कार क्या आप यह जानते हैं कि हमारे शरीर का सबसे बङा अंग(अंग कहने का मतलब शरीर का हिस्सा होता है।) कौन सा होता है। अगर नहीं जानते तो हम आज इस पोस्ट में आपको इसके विषय में बहोत कुछ बताने वाले हैं तो बने रहिए हमारे पोस्ट पर। मानव शरीर का सबसे बङा अंग
दोस्तों हमारे शरीर का सबसे बङा अंग त्वचा होता है। त्वचा हमारे शरीर का बाहरी आवरण है। यह बहुत लचीला और मजबूत होता है। भगवान ने इसे इसलिए ऐसा बनाया है ताकि यह बाहर में हो रहे हलचल के अनुसार हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को सुरक्षित रख सके। मान लीजिए कि आप जब सोते हैं और पेटकुनीए ( पेट नीचे करके सोना) सोते हैं तब आपका पेट थोङा दब जाता है। इस स्थिति में हमारे पेट के आंतरिक अंग जोकि नग्न अवस्था में होती है। उनपर दबाव पङने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। परन्तु ऐसा नहीं होता है। क्योंकि दबाव सीधे हमारे आंतरिक अंगो पर नहीं पङती है बल्कि दबाव पहले हमारे पेट के बाहरी आवरण पर पङता है जिसके वजह से मुख्य दबाव उपर ही रह जाता है। शेष दबाव का कुछ अंश बिना झटका दिए नग्न आंतरिक अंगों पर पङता है। हमारे शरीर के आंतरिक अंग भी थोङा दबते हैं और जब बाहरी दबाव हट जाता है तब आंतरिक अंग अपने पहले की वास्तविक अवस्था में लौट आते हैं। यह हमारे शरीर का एक प्राकृतिक गुण है। इस वजह से हमें कोई तकलीफ महसूस नहीं होता। हमारी पेट की सुरक्षा में पेट की बाहरी त्वचा का बहोत बङा योगदान है। ठीक इसी तरह पुरुष शरीर में वृश्ण और नारी शरीर में प्रजनन तंत्र ऐसा नाजुक अंग है जिसपर बाहरी दबाव अगर झटके से लगती है तो आंतरिक पीङा महसूस होती है। हालांकि काम करने के दौरान अगर इन अंगों पर धीरे-धीरे दबाव पङने से पीङा महसूस नहीं होता क्योंकि बाहरी त्बचा आंतरिक हिस्से को थोङा-बहोत इधर-उधर स्थानांतरित कर देता है और उसे नुकसान पहुंचने से बचा लेता है। इन दोनों अंगों पुरुष के लिए पेट या वृश्ण और नारी के लिए गर्व या प्रजनन तंत्र सुरक्षा में बहुत बङी भूमिका रहती है। साफ तौर पर यह समझें कि त्वचा हमारे शरीर के बाहरी आवरण है। यह हमें आंतरिक हिस्सों को क्षति पहुंचने से बचाती है। किसी संक्रमण रोग को शरीर में प्रवेश होने से रोकती है। यह हमारे शरीर को पूर्ण इंसानी संरचित रूप प्रदान करती जिसे हम देखते हैं। 🤔 बाहरी आवरण का मतलब क्या है?
बाहरी आवरण कहने का मतलब यह है किसी चीज का वह हिस्सा जिसे हम सबसे पहले देख पाते हैं। जैसे मान लीजिए कि कोई पेङ है। इस पेङ की छाल जो पूरे वृक्ष को (जङ से लेकर टहनियों तक) ढके रहता है। यह वृक्ष का बाहरी आवरण है जो इसके आंतरिक हिस्सों को क्षति पहुंचने से बचाती है। हमें उम्मीद है कि हमारी यह जानकारी आपको त्वचा के कार्य ,फायदे एवं गुणों को समझने में करेगी। 💞 त्वचा को सुरक्षित कैसे बनाए रखे।
त्वचा हमारे शरीर का सबसे बङा अंग है । यह हमारे शरीर को पूर्ण इंसानी रुप प्रदान करता है। यह हमारे शरीर को सुरक्षित रखता है। इसकी सुरक्षा अपनी जिम्मेदारी बनती है। हमलोग इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं आइए जानते हैं।
त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से रोज किसी अच्छे सेंपु या साबुन से स्नान करें। दिनभर में जब हम कभी भी कहीं किसी काम के सिलसिले में बाहर जाते हैं तो हवा में मौजूद कई ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे त्वचा (
skin) पर चिपक कर बैठ जाते हैं। रोजाना शरीर की सफाई करने से ऐसे बैक्टीरिया को हटाया जा सकता है और त्वचा को स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित रखा जा सकता है।
त्वचा को सुरक्षित रखने का दूसरा तरीका यह है की आप अपनी त्वचा पर मॉइस्चराइजर या सनस्क्रीन का प्रयोग करें। ये दोनों मार्केट में आमतौर पर मिल जाते हैं ,नहीं तो आप ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। ये दोनों के विभिन्न रूप में आते जैसे "मॉइस्चराइजर" क्रीम,लोशन, और स्प्रे के रूप में मिलता है। "सनस्क्रीन" भी क्रीम, लोशन और जेल के रूप में मिलता है । मॉइस्चराइजर त्वचा को नमी प्रदान करता है। यह त्वचा की सतह पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है जो नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे त्वचा शुष्क और रूखी नहीं होती है। मॉइस्चराइजर त्वचा को नरम, मुलायम और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। ठीक इसी तरह सनस्क्रीन भी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है। यह त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है जो यूवीए और यूवीबी किरणों को अवशोषित या प्रतिबिंबित करता है, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली किरणें उपर ही रुक जाती है, त्वचा तक नहीं पहुंच पाती हैं।
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