कक्षा 6 हिन्दी। हाॅकी का जादूगर (अध्याय 4) के सभी प्रश्न उत्तर । बिहार बोर्ड
बच्चों इस अध्याय के लेखक हैं "मेजर ध्यानचन्द" ,इन्होंने अपनी इस लेख में हमें बताया हैं कि हमें खेल को खेल समझकर ही खेलना चाहिए। खेल में हार-जीत होती रहती है , इसका हमें बुरा नहीं मानना चाहिए। हमें जीतने के लिए गलत तरीकों का प्रयोग कभी भी नहीं करना चाहिए। हालाँकि आपके पुस्तक में केवल लघुउत्तरीय प्रकार के प्रश्न पूछे गए हैं,लेकिन हमने अधिक समझ और पढ़ाई में रुचि बनी रहे इसलिए इस अध्याय से उठने बाले संभावित कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उत्तर बनाए हैं। इससे आप इसे अच्छी तरह से समझ पाएंगे।
🥰 इस अध्याय से उठने वाले वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की सूची निम्नलिखित है: 🥰
1. ध्यानचन्द किस खेल से सम्बन्ध रखते हैं?
ए) फुटबॉल
बी) हॉकी
सी) क्रिकेट
डी) टेनिस
उत्तर: बी) हॉकी
2. ध्यानचन्द को किस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मिला?
ए) पेरिस ओलंपिक
बी) बर्लिन ओलंपिक
सी) लंदन ओलंपिक
डी) टोक्यो ओलंपिक
उत्तर: बी) बर्लिन ओलंपिक
3. ध्यानचन्द की सफलता का राज क्या है?
ए) लगन और साधना
बी) खेल भावना
सी) दोनों ए और बी
डी) न तो ए और न ही बी
उत्तर: सी) दोनों ए और बी
4. ध्यानचन्द को किस नाम से जाना जाता है?
ए) हॉकी का मास्टर
बी) हॉकी का जादूगर
सी) हॉकी का बादशाह
डी) हॉकी का खिलाड़ी
उत्तर: बी) हॉकी का जादूगर
5. ध्यानचन्द ने अपनी टीम के साथियों को गोल करने का श्रेय देने के लिए क्या किया?
ए) वे खुद ही सारे गोल करते थे
बी) वे गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने साथी खिलाड़ी को दे देते थे
सी) वे अपने साथी खिलाड़ियों को गोल करने के लिए कहते थे
डी) वे अपने साथी खिलाड़ियों को गोल करने के लिए प्रेरित नहीं करते थे
उत्तर: बी) वे गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने साथी खिलाड़ी को दे देते थे
6. ध्यानचन्द के खेल भावना के बारे में क्या कहा जा सकता है?
ए) वे खेल में बहुत गुस्सा करते थे
बी) वे खेल में हारने पर बहुत उदास हो जाते थे
सी) वे खेल में जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे
डी) वे खेल में खेल भावना का पालन करते थे
उत्तर: डी) वे खेल में खेल भावना का पालन करते थे
7. ध्यानचन्द की कहानी से हमें क्या सीखने को मिलता है?
ए) खेल में गुस्सा करना जरूरी है
बी) खेल में जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना चाहिए
सी) लगन, साधना और खेल भावना से सफलता मिलती है
डी) खेल में हारने से कुछ नहीं सीखने को मिलता है
उत्तर: सी) लगन, साधना और खेल भावना से सफलता मिलती है
🥰 आपके पाठ्यपुस्तक में निहित प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं: 🥰
1. ध्यानचन्द किस खेल से सम्बन्ध रखते हैं?
😃: ध्यानचन्द हॉकी खेल से सम्बन्ध रखते हैं।
2. दूसरी टीम के खिलाड़ी ने ध्यानचन्द को हॉकी स्टीक मारी। इसका बदला उन्होंने किस प्रकार लिया?
😄: ध्यानचन्द ने इसका बदला एक के बाद एक झटपट छह गोल करके लिया। इसके अलावा, उन्होंने उस खिलाड़ी को यह समझाया कि खेल में गुस्सा अच्छा नहीं होता है।
3. ध्यानचन्द ने अपनी सफलता का राज क्या बताया है?
😃: ध्यानचन्द ने अपनी सफलता का राज लगन, साधना और खेल भावना बताया है।
4. 'दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं' ऐसा ध्यानचन्द ने क्यों कहा?
😄: ध्यानचन्द ने यह बात इसलिए कही क्योंकि दूसरी टीम के खिलाड़ी ने उन्हें हॉकी स्टीक मारी थी, लेकिन उन्होंने गुस्से में आकर बदला लेने के बजाय खेल के माध्यम से ही बदला लिया और खिलाड़ी को समझाया कि खेल में गुस्सा नहीं होना चाहिए।
5. ध्यानचन्द को कब से "हॉकी का जादूगर" कहा जाने लगा?
😄: ध्यानचन्द को बर्लिन ओलंपिक के बाद से "हॉकी का जादूगर" कहा जाने लगा, जब लोगों ने उनके हॉकी खेलने के ढंग को देखा और उनकी प्रशंसा की।
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