Class 6 Hindi: अध्याय 8 ( मंत्र ) सामाधान
"मंत्र" कहानी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। कहानी की शुरुआत डॉ. चड्ढा नामक एक धनी और प्रसिद्ध डॉक्टर से होती है। एक शाम, जब डॉक्टर चड्ढा टेनिस खेलने के लिए तैयार थे, एक बूढ़ा आदमी डोली में अपने बीमार बेटे को लेकर उनके औषधालय के सामने आता है। बूढ़ा अत्यंत गरीब था और डॉक्टर से उसके बीमार, चार दिन से आँखें न खोलने वाले बेटे को एक निगाह देखने की विनती करता है। वह बताता है कि उसके सात लड़कों में से यही एक बचा है, और छह पहले ही बीमारी से मर चुके हैं। लेकिन, डॉक्टर चड्ढा अपनी घड़ी देखते हैं, और खेलने का समय होने के कारण बूढ़े की दुहाई और आँसुओं पर कोई ध्यान नहीं देते। वे बूढ़े को 'कल सवेरे आने' को कहकर मोटर में बैठकर चले जाते हैं। उसी रात, बूढ़े का सात साल का हँसता-खेलता बेटा इस संसार से सिधार जाता है।
कई साल बीत जाते हैं। डॉक्टर चड्ढा खूब धन और यश कमाते हैं। उनके बेटे कैलाश की बीसवीं सालगिरह थी। कैलाश को साँप पालने और नचाने का शौक था। सालगिरह की पार्टी में, मित्रों और अपनी खास मित्र मृणालिनी के आग्रह पर, कैलाश साँपों को दिखाने लगता है। वह अपनी निपुणता दिखाने के लिए एक सबसे ज़हरीले काले साँप को पकड़ता है, जिसके काटने की कोई दवा या मंत्र नहीं था। एक मित्र द्वारा दाँत तोड़ डालने का व्यंग्य करने पर, कैलाश जोश में आकर साँप की गर्दन जोर से दबाकर उसके ज़हरीले दाँत दिखाने लगता है। साँप इस अप्रत्याशित व्यवहार से आत्मरक्षा के लिए तैयार हो जाता है। जैसे ही कैलाश गर्दन ढीली करता है, साँप क्रोध में पागल होकर फन उठाकर उसकी अँगुली में ज़ोर से काटता है और भाग निकलता है। कैलाश तुरंत जड़ी पीसकर लगाता है, लेकिन एक मिनट में ही उसकी आँखें झपकने लगती हैं, होंठों पर नीलापन दौड़ने लगता है और वह फर्श पर बैठ जाता है। कोई मंत्र झाड़नेवाला भी आता है, लेकिन कैलाश की हालत देखकर हिम्मत हार जाता है। घर में कोहराम मच जाता है।
शहर से दूर, बूढ़ा भगत (जिसका लड़का मरा था) और उसकी बुढ़िया एक जाड़े की रात काट रहे थे। एक आदमी आकर भगत को बताता है कि डॉक्टर चड्ढा के लड़के कैलाश को साँप ने काट लिया है, और यदि वह चला जाए, तो खूब पैसा मिलेगा। भगत कठोरता से मना कर देता है और कहता है कि वह डॉक्टर को जानता है, जिसने उसके अंतिम साँसें गिनते बेटे को देखने से मना कर दिया था क्योंकि वह खेलने जा रहे थे। वह कहता है कि अब डॉक्टर को बेटे का गम मालूम होगा, और उसका कलेजा ठंडा हो गया है। आदमी चला जाता है, और भगत चैन की नींद सोने की बात कहता है। हालांकि, अपने अस्सी साल के जीवन में पहली बार साँप के काटने की खबर सुनकर वह नहीं गया था, इसलिए उसका मन भारी हो रहा था और उसे चैन नहीं आ रहा था। ऐसा लगा जैसे उसकी कोई चीज़ खो गई है। बूढ़ा खड़ा होता है, लकड़ी उठाता है और धीरे से किवाड़ खोलता है। बुढ़िया के पूछने पर कि वह कहाँ जा रहा है, कहानी समाप्त हो जाती है। यह कहानी कर्म और प्रतिशोध के भाव को दर्शाती है, जिसे अंततः मानवता और दयालुता का भाव जीत लेता है।
आपके इस अध्याय से उठने वाले वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की सूचि (List of Objective Questions)
1. कहानी का नाम क्या है?
अ) ममता
ब) बलिदान
स) मंत्र
द) परीक्षा
उत्तर: स) मंत्र
2. कहानी के लेखक कौन हैं?
अ) जयशंकर प्रसाद
ब) प्रेमचंद
स) महादेवी वर्मा
द) सुभद्रा कुमारी चौहान
उत्तर: ब) प्रेमचंद
3. बूढ़ा अपने बीमार बेटे को लेकर डॉक्टर चड्ढा के पास किस समय गया था?
अ) दोपहर का समय था
ब) संध्या का समय था
स) भोर का समय था
द) रात का समय था
उत्तर: ब) संध्या का समय था
4. डॉक्टर चड्ढा किसलिए तैयार द्वार के सामने खड़े थे?
अ) सैर करने के लिए
ब) टेनिस खेलने के लिए
स) मोटर चलाने के लिए
द) किसी मरीज को देखने के लिए
उत्तर: ब) टेनिस खेलने के लिए
5. डॉक्टर चड्ढा ने बूढ़े से कब आने के लिए कहा?
अ) कल शाम को
ब) अभी रात में
स) कल सवेरे
द) कभी मत आओ
उत्तर: स) कल सवेरे
6. कैलाश की कौन-सी सालगिरह थी?
अ) अट्ठारहवीं
ब) उन्नीसवीं
स) बीसवीं
द) इक्कीसवीं
उत्तर: स) बीसवीं
7. कैलाश के खास मित्र का नाम क्या था?
अ) निर्मला
ब) मृणालिनी
स) मालती
द) मिनी
उत्तर: ब) मृणालिनी
8. कैलाश को क्या शौक था?
अ) कबूतर पालने का
ब) चिड़िया पालने का
स) कुत्ते पालने का
द) साँप पालने, खिलाने और नचाने का
उत्तर: द) साँप पालने, खिलाने और नचाने का
9. साँप के काटने के बाद कैलाश की अँगुली से टप-टप क्या टपकने लगा?
अ) पानी
ब) खून
स) ज़हर
द) पसीना
उत्तर: ब) खून
10. डॉक्टर चड्ढा के लड़के को साँप ने काट लिया है, यह खबर भगत को किसने दी?
अ) बुढ़िया ने
ब) कैलाश ने
स) डॉक्टर ने
द) एक आदमी ने
उत्तर: द) एक आदमी ने
आपके अध्याय में दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर (Answers to the Given Questions)
1: डॉक्टर के लड़के कैलाश ने साँप को पाल रखा था। फिर भी साँप ने उसे क्यों काटा?
उत्तर: कैलाश ने साँप को पाल रखा था, लेकिन साँप ने उसे काट लिया क्योंकि कैलाश ने अपने मित्रों को प्रभावित करने के लिए और एक मित्र के व्यंग्य का जवाब देने के लिए आत्मरक्षा के लिए तैयार साँप को उत्तेजित कर दिया था। कैलाश ने साँप की गर्दन पकड़कर इतनी जोर से दबाई कि उसका मुँह लाल हो गया। साँप ने कैलाश के हाथों ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं देखा था। साँप को लगा कि कैलाश उसे मार डालना चाहता है, इसलिए वह आत्मरक्षा के लिए तैयार हो गया। जब कैलाश ने साँप को दाँत दिखाने के बाद उसकी गर्दन ढीली की, तो साँप क्रोध से पागल था। गर्दन ढीली पड़ते ही साँप ने फन उठाकर कैलाश की अँगुली में ज़ोर से काटा और वहाँ से भाग निकला।
2: डॉ. चड्ढा बूढ़े व्यक्ति को क्यों खोज रहा था?
उतर: कहानी के अनुसार, डॉ. चड्ढा बूढ़े व्यक्ति को नहीं खोज रहे थे। बल्कि, एक आदमी बूढ़े व्यक्ति (भगत) के पास आकर बताता है कि डॉक्टर चड्ढा के लड़के कैलाश को साँप ने काट लिया है और यदि भगत चला जाए, तो आदमी बन जाएगा (यानी खूब पैसा मिलेगा)। भगत एक मंत्र झाड़नेवाला था, और साँप काटने की खबर सुनकर वह हमेशा भागा जाता था। डॉक्टर चड्ढा का लड़का साँप के काटने से मरणासन्न था, और उन्हें उस समय ऐसे किसी व्यक्ति (भगत) की ज़रूरत थी, जो अपने मंत्र से कैलाश की जान बचा सके। हालाँकि, डॉक्टर खुद भगत को नहीं खोज रहे थे; यह खबर एक अन्य व्यक्ति भगत तक लेकर आया था।
3: डॉक्टर के लड़के कैलाश को साँप ने काट लिया । इस खबर को सुनकर बूढ़े व्यक्ति को नींद क्यों नहीं आ रही थी ?
उतर: डॉक्टर के लड़के कैलाश को साँप ने काट लिया, यह खबर सुनकर बूढ़े व्यक्ति (भगत) को नींद नहीं आ रही थी क्योंकि उसके मन में प्रतिशोध और मानवता के बीच द्वन्द्व चल रहा था, और वह अपने जीवन की पुरानी आदत को तोड़ रहा था। प्रतिशोध का भाव: भगत को इस बात से संतोष था कि डॉक्टर चड्ढा को अब बेटे के चले जाने का गम महसूस होगा, जिसने कई साल पहले उसके बीमार बेटे को खेलने जाने की जल्दी में देखने से मना कर दिया था। पुरानी आदत: अस्सी वर्ष के जीवन में यह पहला अवसर था कि साँप के काटने की खबर सुनकर भी भगत बैठा रहा था। वह हमेशा किसी भी मौसम में, लेन-देन का विचार किए बिना, दौड़कर जाता था। भारी मन और बेचैनी: अपनी इस आदत के विरुद्ध जाकर प्रतिशोध लेने की भावना को प्राथमिकता देने के कारण भगत का मन भारी हो रहा था और उसे चैन नहीं आ रहा था। उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसकी कोई चीज़ खो गई है।
अंततः, मानवता के भाव ने प्रतिशोध पर विजय पाई, और वह अपनी लकड़ी उठाकर, बुढ़िया के पूछने पर कि वह कहाँ जाता है, डॉक्टर के घर की तरफ जाने के लिए किवाड़ खोलता है।
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