Class 6 hindi अध्याय 11: सरजू भैया संछेपन और प्रश्न समाधान
इस अध्याय में बच्चों हम लोग सरजू भैया से संबंधित बातें जानेंगे और इस अध्याय में दिए गए प्रश्नों का समाधान करेंगे। यह आपकी पुस्तक का 11वां अध्याय है। इसके पहले का भी हमने सारा अध्याय पढ़ा दिया है। नीचे लिंक दिया गया है। आप देख सकते हैं।
'सरजू भैया' रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित एक मार्मिक रेखाचित्र है जो एक अत्यंत परोपकारी और सीधे-सादे ग्रामीण व्यक्ति, सरजू भैया के व्यक्तित्व और जीवन-संघर्ष को दर्शाता है।
सरजू भैया लेखक के घर से सटे एक साधारण मकान (खपड़ैल, फूस के छप्पर और टट्टी के झोंपड़े) के मालिक हैं। लेखक ने उनसे बड़े भाई का नाता जोड़ लिया है। सरजू भैया गाँव के सबसे लम्बे और दुबले आदमियों में गिने जा सकते हैं, जिनकी बगुले-सी टाँगें और चिम्पांजी की तरह बड़ी बाँहें हैं। उनका रंग साँवला है और दुबलेपन के कारण उनकी पसलियाँ और शरीर की नसें उभरी हुई दिखती हैं, मानो पतली डोरों से जकड़ा गया हो।
यह "हड्डियों का ढाँचा" किसी भूखमरे आदमी की तस्वीर लगता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि सरजू भैया गाँव के चंद जिन्दादिल, मिलनसार, मजाकिया और हँसोड़ लोगों में से एक हैं। वह दिल खोलकर हँसते हैं, जिससे उनके छोटे दाँत चमक पड़ते हैं और पूरा शरीर हिलने लगता है।
सरजू भैया के दुबलेपन का कारण उनकी गरीबी या आलस्य नहीं, बल्कि पराए उपकार के चलते शहर के अंदेशे (चिंता) जैसा है। वह चतुर, फुर्तीले और काम-काजू आदमी होते हुए भी सुखी संपन्न नहीं रह सके। उनके पिताजी गाँव के अच्छे किसान थे, जिनके पास खेतीबारी, साफ-सुन्दर मकान और रुपए-गल्ले का अच्छा लेन-देन था। पिताजी की मृत्यु के बाद सरजू भैया ने लेन-देन चौपट कर दिया।बाढ़ ने खेती और भूकम्प ने घर को बरबाद किया। सरजू भैया लेन-देन (सूदखोरी) में इसलिए असफल रहे क्योंकि वह चीलर की तरह चुपचाप खून चूसने वाले नहीं बन सकते थे। उनका हृदय बहुत बड़ा था। जो भी दुखिया आता, वह उसे देवता-सा दे देते और वसूलने के समय पसीज जाते थे। परिणामस्वरूप, सूद तो दूर, मूलधन भी शून्य में परिणत हो गया।
उनकी वर्तमान फटेहाली का सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्हें दूसरे के काम से ही फुर्सत नहीं मिलती है। वह गाँव भर के लोगों का वैद्य बुलाने, सौदा लाने, खोज खबर लाने और रजिस्ट्री की शिनाख्त करने जैसे बोझ अपने सिर पर ले लेते हैं। लेखक को सबसे बड़ी चोट तब लगती है, जब वह देखते हैं कि इस नर-रत्न की कद्र नहीं होती और बहुत-से लोग इन्हें सुधुवा समझकर ठगने की चेष्टा करते हैं।
उनके भोलेपन का एक उदाहरण वह घटना है जब उन्हें रुपयों की ज़रूरत पड़ी और वह एक सूदखोर महाजन के पास गए। रुपए लेने के बाद महाजन ने सबूत के लिए एक सादे कागज पर निशान माँगा। सरजू भैया बमभोला की तरह संकोचवश रुपए बाँध चुकने के कारण, कजरौटे में अँगूठा बोरकर कागज पर चिपका दिया। अब महाजन नालिश करने की धमकी देकर उन्हें ठगने की कोशिश कर रहा है।
सरजू भैया की पाँचों संतानें बेटियाँ ही बेटियाँ हैं। उनकी पत्नी, जो गुणों में उनकी ही तरह थीं, हाल ही में बेटा पाने का अरमान लिए मरी हैं। लेखक और उनके परिवार को यह उदासी सताती है कि बेटियाँ ससुराल चली जाएँगी, तो सरजू भैया की कोई निशानी पड़ोस को गुलजार नहीं कर सकेगी। गाँव के लोग, जिनमें लेखक की मौसी और ढीठ रानी भी शामिल हैं, उन्हें वंश चलाने के लिए दूसरी शादी करने की सलाह दे रहे हैं। लेखक के विचार से सरजू भैया का व्यक्तित्व अनुकरणीय, अनुसरणीय ही नहीं, वंदनीय एवं पूजनीय भी है।
😀 बच्चों सरजू भैया के अध्याय में चार प्रश्न ऐसे दिए गए हैं। जिनका उत्तर देना है। पांचवा प्रश्न में सही का निशान लगाना है। हम बारी-बारी से इनका समाधान करेंगे। साथ ही आपके इस पाठ में कोई वस्तुनिष्ठ प्रश्न नहीं दिए गए हैं। परंतु परीक्षा में वस्तुनिष्ट प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए इस पाठ से उठने वाले संभावित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की भी हम सूची तैयार करेंगे।
🔷️ वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की सूची (Multiple Choice Questions)
1: प्रश्न: 'सरजू भैया' पाठ के लेखक कौन हैं?
क) प्रेमचंद
ख) रामवृक्ष बेनीपुरी
ग) फणीश्वर नाथ रेणु
घ) हजारी प्रसाद द्विवेदी
उतर: रामवृक्ष बेनीपुरी ✅️
2: प्रश्न: गाँवों में किनके नाम के साथ कभी-कभी 'गंगा', 'यमुना' या 'सरजू' जैसे नाम जोड़ दिए जाते हैं?
क) बच्चों के
ख) औरतों के
ग) मर्दों के
घ) पशुओं के
उत्तर: मर्दों के ✅️
3: प्रश्न: सरजू भैया की गिनती गाँव के कैसे आदमियों में होती है?
क) सबसे लम्बे और तगड़े
ख) सबसे छोटे और मोटे
ग) सबसे लम्बे और दुबले
घ) सबसे लम्बे और स्वस्थ
उत्तर: सबसे लम्बे और दुबले ✅️
4: प्रश्न: सरजू भैया की बड़ी-बड़ी बाँहें किसके समान बताई गई हैं
क) बगुले
ख) चीलर
ग) चिम्पांजी
घ) जोंक
उत्तर: ग) चिम्पांजी ✅️
5: प्रश्न: लेखक और सरजू भैया ने आपस में क्या नाता जोड़ लिया है?
क) वह मित्र हैं, मैं उनका पड़ोसी
ख) वह मेरे बड़े भाई हैं, मैं उनका छोटा भाई
ग) वह चाचा हैं, मैं उनका भतीजा
घ) वह मेरे गुरु हैं, मैं उनका शिष्य
उत्तर: ख) वह मेरे बड़े भाई हैं, मैं उनका छोटा भाई ✅️
6: प्रश्न: सरजू भैया के दुबले-पतले शरीर का क्या कारण बताया गया है?
क) बीमारी
ख) शहर का अंदेशा (चिंता)
ग) अपनी गरीबी
घ) पराए उपकार के चलते
उत्तर: घ) पराए उपकार के चलते ✅️
7: प्रश्न: लेन-देन (सूदखोरी) के व्यवसाय को लेखक ने किसके समान बताया है, जो चुपचाप खून चूसता रहता है?
क) जोंक
ख) खटमल
ग) बगुला
घ) चीलर
उत्तर: घ) चीलर ✅️
8: प्रश्न: सरजू भैया की संपत्ति और खेतीबारी क्यों बर्बाद हो गई?
क) पिता की मृत्यु के बाद लेन-देन चौपट होने से
ख) बाढ़ और भूकंप से
ग) उपकार की भावना से मूलधन भी शून्य हो जाने से
घ) उपर्युक्त सभी कारणों से
उत्तर: घ) उपर्युक्त सभी कारणों से ✅️
9: प्रश्न: सरजू भैया ने सूदखोर महाजन के पास सादे कागज पर अँगूठे का निशान क्यों लगा दिया?
क) वह लिखना नहीं जानते थे।
ख) महाजन ने सबूत के लिए निशान माँगा और सरजू भैया रुपए बाँध चुके थे।
ग) वह महाजन पर विश्वास करते थे।
घ) वह हैंडनोट नहीं बनाना चाहते थे।
उत्तर: ख) महाजन ने सबूत के लिए निशान माँगा और सरजू भैया रुपए बाँध चुके थे। ✅️
10: प्रश्न: सरजू भैया की पत्नी की मृत्यु किस अरमान को लिए हुए हुई?
क) धनवान बनने का
ख) बेटे का
ग) तीर्थयात्रा का
घ) पक्का मकान बनवाने का
उत्तर: ख) बेटे का ✅️
🔶️🔷️यहां से आपके पाठ का प्रश्न का समाधान शुरू होता है।
Q.1: सरजू भैया को जिन्दादिल क्यों कहा गया है?
उतर: सरजू भैया को जिन्दादिल इसलिए कहा गया है क्योंकि वे स्वभाव से मिलनसार, मजाकिया और हँसोड़ हैं। वे दिल खोलकर हँसते हैं। जब वह हँसते हैं, तो उनके पंक्तिबद्ध छोटे-छोटे दाँत चमक उठते हैं, और उनका अंग-अंग हिलने-डुलने लगता है, मानो हर अंग हँस रहा हो। उनका यह जीवंत और प्रसन्न स्वभाव उन्हें जिन्दादिल लोगों में से एक बनाता है, भले ही उनकी शारीरिक स्थिति (हड्डियों का ढाँचा) इसके विपरीत दिखती हो।
Q.2: लेन-देन के व्यवसाय में सरजू भैया क्यों सफल नहीं हो सकते थे?
उतर: सरजू भैया लेन-देन के व्यवसाय में सफल नहीं हो सकते थे क्योंकि वह इस व्यवसाय की माँग के अनुसार कठोर और हृदयहीन नहीं बन सकते थे। लेन-देन, जिसे लेखक ने नग्न शब्दों में सूदखोरी कहा है, आदमी से अपने आदमीपन को खो देने की अपेक्षा रखता है, वह चाहता है कि आदमी चीलर बन जाए। चीलर चुपचाप खून चूसता है और उसका चूसना जल्दी अनुभव नहीं होने देता। सरजू भैया का हृदय उनके लम्बे शरीर के परिमाण से भी बड़ा था, और वह चीलर नहीं बन सकते थे। जो भी दुखी व्यक्ति अपनी विपदा लेकर आता, सरजू भैया देवता-सा पसीजकर उसे रुपए दे देते थे। वसूली के समय जब देनदार आँखों में आँसू लाकर गिड़गिड़ाता, तो वह देवता की तरह पसीज जाते। इस कारण, सूद कौन कहे, कुछ ही दिनों में मूलधन भी शून्य में परिणत हो जाता था।
Q.3: चतुर, फुर्तीले और काम-काजू आदमी होते हुए भी सरजू भैया सुखी संपन्न क्यों नहीं रह सके?
उतर: सरजू भैया चतुर, फुर्तीले और काम-काजू आदमी होते हुए भी सुखी संपन्न नहीं रह सके, और उनकी हालत अपने कारण नहीं, बल्कि दूसरे के चलते हुई। इसका मुख्य कारण उनकी परोपकारी और सेवाभावी प्रकृति थी, जिसके चलते उन्हें अपने काम से फुर्सत नहीं मिलती थी। उन्होंने पराए उपकार के चलते न सिर्फ अपना शरीर सुखा लिया, बल्कि अपनी संपत्ति की भी कम हानि नहीं की। वह गाँव भर के लोगों का बोझ अपने सिर पर ले लेते थे, जैसे: बीमार बच्चे के लिए वैद्य को बुलाना (गंगोबाई के लिए), बाजार से सौदा-सुलफ लाना (हिरदे के लिए), बीमार मामाजी की खोज खबर लाना (रामपुकार के लिए), रजिस्ट्री के लिए शिनाख्त करना (परमेसर के लिए) और दूसरों के काम में व्यस्त रहने के कारण, उन्होंने अपने खेत और घर को मटियामेट कर लिया और इसी उम्र में अपनी कमर भी झुका ली। उनका "सेवा-सदन का दरवाजा" दिन-रात खुला रहता था।
Q.4: सरजू भैया ने सादे कागज पर अँगूठे का निशान क्यों बनाया ?
उतर: सरजू भैया ने सादे कागज पर अँगूठे का निशान इसलिए बनाया क्योंकि: उन्हें रुपए की जरूरत थी, और वह एक सूदखोर महाजन के पास गए, जिसने उन्हें तुरंत रुपए दे दिए। जब सरजू भैया रुपए बाँध चुके थे और चलने लगे, तब महाजन ने कहा कि "कोई सबूत तो चाहिए ही"। वह रुपए खोलकर लौटा नहीं सकते थे और न ही महाजन की माँग को नामंजूर कर सकते थे। महाजन ने कहा कि वह बाजाब्ता हैंडनोट नहीं बनाएगा, बल्कि कागज पर सिर्फ निशान बना देने को कहा। सरजू भैया ने बमभोला की तरह कजरौटे में अँगूठा बोरकर कागज पर चिपका दिया। यह उनकी सादगी (सुधुवापन) और सीधेपन को दिखाता है, जिसके कारण वह महाजन की चाल को समझ नहीं पाए और बाद में ठगे जाने के संकट में पड़ गए।
Q.5: अपनी शादी की बात सुनकर सरजू भैया ठठाकर क्यों हँस पडे ? सही उत्तर में ✔️ का निशान लगाए।
i> यह समझकर कि लोग उनसे हँसी कर रहे हैं?
ii>सरजू भैया स्वयं हँसी कर रहे थे।
iii>दूसरी शादी की संभावना पर वह बहुत प्रशन्न हो उठे।
iv>वह हँस कर बात टालना चाहते थे। ✅️
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